Braj Ras Leela - Lord Krishn giving training to Flute before Maha Raas Leela - (Eng & Hindi)

Lord Krishn giving training to Flute before Maha Raas Leela
This Radha name could captivate even Lord Krishn. Lord Krishn not only made infinite Gopis(his divine consorts) under his control, but also to the whole world under his control. However, he established his flute with 'Radha' name. It has mentioned in the scriptures that Lord Krishn had taken refugee under Lord Radha before going to perform Maharaas, otherwise he couldn't have performed Maharaas. Lord Krishn told flute that now I am training you the subdual magic methodology. Then, what to speak of infinite Gopis you can captivate even Lord Brahma, Vishnu, Shankar etc. Oh flute! This magical chant is ' Radhe Radhey'.
The flute asked Shree Krishn whether Radha Rani is superior to you? Lord Krishn told that, oh flute! Didn't you know Radha Rani is only my source of life and Radha Rani is only my worship. Oh flute! Radha Rani is only extremity in the nectar of charm. I love you so much and always keep you with my lips only because of the fact that you always keep uttering 'Radhey Radhey'. That's why I've given so much respect to you. Oh flute! You are my soul beloved only because you keep uttering 'Radhey Radhey' . Oh flute! You never forget Radha Rani even half a moment otherwise you will be no more dear to me. You do worship this 'Radha' name and you will gain such energy and you will be so charming to captivate everybody's heart. Afterwards, the flute, with the help of ‘Radha Rani ' name could steal every heart.

श्री कृष्ण द्वारा वंशी को दिया मंत्र
राधा नाम श्री कृष्ण को वश में कर देता है | श्री कृष्ण ने अनंत गोपियों को ही नहीं सारे संसार को वंशी से वश में किया था | मगर उस वंशी को राधा नाम से ही सिद्ध किया था उन्होंने । पुराणों में लिखा है कि महारास करने से पहले श्री कृष्ण ने राधा रानी का आश्रय लिया था, नहीं तो महारास नहीं कर सकते थे | श्री कृष्ण ने मुरली से कहा कि मुरली तुझको अब मैं वशीकरण मंत्र सिखाता हूँ । फिर तू अनंत कोटि गोपियों को क्या ब्रह्मा, विष्णु, शंकर आदि को भी वश में कर लेगी | वो मंत्र है मुरली "राधे राधे"। मुरली ने श्री कृष्ण से पूछा की क्या राधा रानी आपसे बड़ी हैं ? श्री कृष्ण बोले की अरी मुरली तू नहीं जानती, राधा ही मेरी साधन है, राधा ही मेरी आराधना है । मुरली राधा रानी ही रस की पराकाष्ठा हैं । मैं तुझसे मुरली इतना प्यार इसलिए ही करता हूँ और तुझे नित्य होठों से लगाता हूँ क्योंकि तू राधे राधे रटती है । इसीलिए मैंने तुझे इतना सम्मान दिया है । अरी मुरली तू मुझे प्राणों से प्रिय इसीलिए ही है क्योंकि तू राधे राधे रटती है । मुरली, आधे पल के लिए भी तू राधा रानी को मत भूल जाना नहीं तो तू मेरी प्यारी नहीं रहे रहेगी | तू इस राधा नाम की आराधना कर और तेरे अंदर ऐसी शक्ति आ जाएगी और तू इतनी मोहिनी बन जाएगी की तू सबका हृदय मोह लेगी | तत्पश्चात मुरली ने राधा रानी के नाम का सहारा लेकर सबका हृदय चुरा लिया |

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