“ तजौ मन, हरि बिमुखनि कौ संग |
जिनकै संग कुमति उपजति है, परत भजन में भंग | ”
“ तजौ मन, हरि बिमुखनि कौ संग | जिनकै संग कुमति उपजति है, परत भजन में भंग | ”
- सूरदास
हे आत्माओं, यदि आप वास्तव में राधा कृष्ण और उनकी दया दृष्टि पाना चाहते हैं, तो उन लोगों के साथ न मिलें जो भगवान से दूर हो गए हैं, अन्यथा भ्रम पैदा होता है और यह भजन में बाधा बन जाता है।
"Tajo Man Hari Vimukhan Ko Sang,
Jinke Sang Kumati Upjati hai, Parat Bhajan mein Bhang"
- Soordas
O souls, If you really want to find Radha Krishn and his vision, then leave the association of people who have turned away from God, otherwise delusion is born and it becomes an obstacle in the bhajana.
Website: www.brajrasik.org
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