“ जाके बल मैं सब सों तोरी, लोक वेद कुल कानि |
मेरी महारानी श्री राधारानी || ”
वृन्दावन निकुंज की अधीश्वरी श्री राधारानी ही मेरी एक मात्र स्वामिनी हैं
इन्ही के बल पर मैंने लोक, वेद, और कुल की सभी मर्यादाओं को तोड़कर फेंक
दिया है |
"Jake Bal Main Sab Son Tori, Lok Ved Kul Kaani |
Meri Maharani Shri Radharani"
-Swami Bhagwat Rasik Ji
Shri Radha is my only strength. On the strength of her, I have
completely given up the decorum of society, Vedas and worldly
restrictions.
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