“ जिनके है यह प्रेम रस, सोई जानत रीत।
जो हारै तो पाईए, नेह खेत में जीत || ”
जिनको इस प्रेम रस का अनुभव है वे ही इसकी रीति जानते हैं। उनको मालूम है कि प्रेम के क्षेत्र में वही जीतता है जो सम्पूर्ण रूप से अपनी पराजय स्वीकार कर लेता है।
"Jinke Hai Yeh Prem Ras, Soi Janat Reet |
Jo Hare To Payie, Neh Khet Mein Jeet"
- Shri Dhruv Da
Those who have divine love, only know it's custom. They know that in the world of love the one who completely accepts his own defeat only wins.
Website: www.brajrasik.org
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