"Shri Narhari Das Nirakhi Trin Torati Yeh Chavi Barni Na Jaaye,
Nainani Bhari Shobha Ras Peevat, Peevat Man Na Aghaai"
- Shri Narhari Das
In the words of Shri Narhari Das, the glimpse of the divine couple is so enchanting that it is impossible to describe the beauty of it. Even if the eyes drink the bliss till uncountable lifetimes, still this mind will never be contented.
श्री नरहरि दास निरखि तृण तोरति यह छवि बरनी न जाए,
नैंननि भरी शोभा रस पीवत, पीवत मन न अघाइ ||
- श्री नरहरि दास
श्री नरहरि दास जी के शब्दों में युगल सरकार की छवि इतनी मधुर है जिसकी सुंदरता का वर्णन करना ही असंभव है। यदि हमारे नयन नित्य ही भर भर कर श्रृंगार शोभा रस पिया करे, फिर भी यह मन कभी अघाइयेगा नहीं।
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