" Vrindavaneshwari Tavev Padarvindam,
Premamritaika Makaranda Rasaugha Purnam.
Hrdy Arpitam Madhu Pateh Smara Taoan Ugram,
Nirvapayet Pram Sitalam Asrayami..
- Shri Hita Harivansh Mahaprabhu - Shri Radha Sudha Nidhi - 12
O queen of Vrindavan, Shri Radha, I take shelter of Your lotus feet, which are flooded with nectar, which are cool, blissful and pleasing, and which, placed over Lord Krishn‘s heart, extinguish the blazing fire of desire that torments Him.
वृन्दावनेश्वरी तवैव पदारविन्दं, प्रेमामृत मकरंद रसौघपूर्णम् |
हृदय पतं मधुपतेः स्मरतापमुग्रं,निर्वापयत्परमशीतलमाश्रयामि | |
- मुरली अवतार श्री हित हरिवंश महाप्रभु - श्री राधा सुधा निधि - 12
हे वृन्दावनेश्वरि आपके चरण-कमल एक मात्र प्रेमामृत-मकरन्द रस-राशि से परिपूर्ण हैं, जिन्हें हृदय में धारण करते ही मधुपति श्रीलालजी का तीक्ष्ण स्मरताप (ताप) निर्वारित हो जाता है। मैं आपके उन्हीं परम शीतल चरणारविन्दों का आश्रय ग्रहण करती हूँ, मेरे लिये उनके सिवाय और कोई गति नहीं है।
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