Aur Kachu Na Ruche Dhruv Piye Kou, Bhave Yahe Sukumari Ladai - Shri Dhruvdas from Bayalees Leela


"Aur Kachu Na Ruche Dhruv Piye Kou, Bhave Yahe Sukumari Ladai”
- Shri Dhruvdas from Bayalees Leela Shringar Shat, Part 1 (06)

Shri Dhruvdas Ji says, Nothing attracts Shri Krishn, other than the charming glimpse of Shri Radharani and serving her.

"और कछू न रुचै ध्रुव पीय कौं, भावै यहै सुकुमारि लडाई ||”
- बयालीस लीला, श्रृंगार शत, प्रथम श्रृंखला (06)

श्री ध्रुवदास जी कहते है कि प्रियतम श्री कृष्ण को श्री राधा की छवि और उनको लाड़ लड़ाने के अतिरिक्त अन्य कुछ भी रूचिकर नहीं है।

Website: www.brajrasik.org

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