"Prem Sahit Ansuwan Bharein, Dhare Yugal Ko Dhyaan.
Narayan Ta Bhakt Ko, Jag Mein Durabh Jaan."
- Shri Narayan Swami, Anurag Ras (144)
Such devotees are extremely rare who meditate on the form of Divine Couple by shedding tears of love
प्रेम सहित अँसुवन भरें, धरे युगल को ध्यान |
नारायण ता भक्त को, जग़ में दुर्लभ जान ||
- श्री नारायण स्वामी - अनुराग रस (144)
ऐसे भक्त अत्यंत दुर्लभ हैं जो प्रेम सहित आँसु बहाकर युगल रूप का ध्यान करते हैं।
Website: www.brajrasik.org
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