Upasya Charanambuje Braj Bhartam Kishorigane - Shri Hita Harivansh Mahaprabhu, Shri Radha Sudha Nidhi
"Upasya Charanambuje Braj Bhartam Kishorigane, Mahamdibharpi Purushe Paribhavya Bhavotsve.
Agadh Ras Dhamni Swpad-padm Sewa Vidho, Videhi Madhurojjvalamiv Kritim Mmadhishwari"
- Shri Hita Harivansh Mahaprabhu, Shri Radha Sudha Nidhi (122)
O supreme queen Shri Radha, whose lotus feet are adored by the girls of Braj, whose festival of love is inconceivable to the great saints like Narada, who is the abode of unfathomable nectar and bliss, please give me the sweetest service of your lotus feet!
उपास्य चरणाम्बुजे व्रज-भ्रतां किशोरीगणे, मंहदिभरपी पुरुषै परिभाव्य भावोत्सवे ||
अगाध रस धामनि स्वपद-पद्म सेवा विधौ, विधेहि मधूरोज्जवलामिव-कृतिं ममाधीश्वरि ||
- मुरली अवतार श्री हित हरिवंश महाप्रभु - श्री राधा सुधा निधि (122)
हे ब्रज श्रेष्ठ किशोरी गणाराध्य चरणाम्बुजे श्री राधा (ब्रज की स्त्रियां जिनके चरणों का निरंतर पूजन करती हैं), हे नारदादि महत्पुरुषो से भी अचिन्त्य भावोत्स्वे (प्रेम रस जो नारद आदि महापुरुषों से भी परे हो) ! हे मम स्वामिनी आप अगाध रस-धाम अपने चरण-कमलों की सेवा-विधि में मेरे लिये मधुर एवं उज्जवल कर्त्तवय का ही विधान कीजिये।
Website: www.brajrasik.org
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