Jahan Krishn Radha Tahan, Jahan Radha Tahan Krishn - Shri Bhagwat Rasik, Bhagwat Rasik Ki Vani


"Jahan Krishn Radha Tahan, Jahan Radha Tahan Krishn.
Nyare Nimish Na Hota Dou, Samujha Karo Yah Prashn"
- Shri Bhagwat Rasik, Bhagwat Rasik Ki Vani

Wherever Shri Krishna is, Shri Radha is there and where Shri Radha is, it is understood that Shri Krishna is there. They are never separated from each other even for half a moment. Without knowing this fact properly, One should never ask this question - “Why Shri Radha’s deity is not present with Shri Banke Bihari Ji?”

जहाँ कृष्ण राधा तहाँ, जहँ राधा तहँ  |
न्यारे निमिषा न होत दोउ, समुझि करौ यह प्रश्न  | |
- श्री भगवत रसिक, भगवत रसिक जी की वाणी

जहाँ श्री कृष्ण हैं वहीँ श्री राधा हैं, और जहाँ श्री राधा हैं वहीँ श्री कृष्ण हैं, यह दोनों एक पल के लिए भी अलग नहीं होते, इस बात को ठीक से जान कर ही प्रश्न करो कि श्री बांके बिहारी जी के साथ श्री राधारानी क्यों नहीं प्रकट रूप में विराजमान हैं।



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