Jeevat Marat Vrindavan Sharnein,
Yeh Param Purusharth Mero, Aur Kachu Nahin Karne.
- Shri Hariram Vyas (Vishakha Avtar), Vyas Vani
My Ultimate endeavour is to take shelter in Shri Vrindavan Dham incessantly.
जीवत मरत वृन्दावन शरनें,
यह परम पुरुषार्थ मेरौ, और कछु नहिं करने |
- श्री हरिराम व्यास (विशाखा अवतार) - व्यास वाणी
मेरा केवल एक ही परम पुरुषार्थ है कि मैं जीवन से मरण अवस्था अर्थात हर क्षण केवल श्री वृन्दावन धाम की शरण में ही रहूं।
Website: www.brajrasik.org
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